दोस्तों ऑथर Adrian Gostick ने अपनी किताब Anxiety At Work में ये बताया है की कैसे एक कंपनी या संस्थान को एक हैप्पी प्लेस बना सकते हैं जहाँ एक बॉस को क्या करना चाहिए और वहां के छात्र या कर्मचारी को क्या करना चाहिए इन तमाम बातो के उपर लेखक ने इन किताब में समझाया है |
इसीलिए आज हम इस किताब की summary के माध्यम से समझने वाले हैं |
Anxiety At Work Book Summary In Hindi | Anxiety At Work Audiobook Summary
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Lesson-1 [Anxiety At Work Book In Hindi]
कहीं भी किसी भी कॉलेज, स्कूल, संस्थान और कंपनी में किसी के भी साथ किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए | इसीलिए वहां के बॉस और फैकल्टी को ध्यान में रखना चाहिए की वहां काम करने वाले या पढने वाले सभी खुश हैं की नहीं और उनसे किसी भी तरह का कोई भेदभाव तो नहीं हो रहा है |
कोई अगर किसी भी कंपनी को ज्वाइन करना है तो उसे ये सुनिश्चित करना चाहिए की किसी भी तरह की कोई hate स्पीच, बुरा बर्ताव और भेदभाव सहन नहीं किया जाएगा | जेंडर, सेक्सुअलिटी और रेसिस्म को लेकर भी कोई मजाक नहीं बनाया जएगा |
कई बार कुछ कर्मचारी मिलकर किसी एक को टारगेट करना शुरू कर देते हैं और उसकी पीठ पीछे बाते करने लगते हैं इससे वो व्यक्ति काफी परेशान हो जाता है कई बार तो वो अपने सीनियर से शिकायत भी कर लेता है जिससे कंपनी का माहौल भी खराब होता है और इमेज भी खराब होती है |
इसीलिए बॉस को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए की सभी कर्मचारी खुश हैं की नहीं और पहले से ही इन चीजो पर बात कर लेना चाहिए उन्हें सारे कायदे-कानून समझा देना चाहिए |
बड़ी-बड़ी कंपनी ऐसी पालिसी का पूरा पालन करती हैं और ऐसे गलत काम करने वाले कर्मचारी को निकाल दिया जाता है | आपको कभी भी ऐसा काम नहीं करना है और ना ही दूसरो का मजाक उड़ाना है अपनी इन आदतों को बदलें क्योकि फिर हर कोई आपकी रिस्पेक्ट करना छोड़ देगा |
इसके लिए कोई भी आप पर केस कर सकता है इसलिए थोडा broad-minded बने | अगर आपकी बचपन से ही ऐसी सोच है तो इस मानसिकता को भी बदलने की सख्त जरूरत है |
हमेशा दूसरो को खुश रखने की कोशिश करें, अच्छे दोस्त बनाये और दूसरो की मदद करने की कोशिश भी करें इससे वे भी आपकी मदद करेंगे |
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Lesson-2 [Anxiety At Work Audiobook In Hindi]
बहुत से लोग अपने ऑफिस में इतना काम करते हैं की अपनी हेल्थ का भी ध्यान नहीं देते हैं उनका बस एक ही मकसद होता है की किसी भी तरह से प्रमोशन मिल जाए जिसकी वजह से वे ना तो ठीक से खा पाते हैं ना ही सो पाते हैं जिसकी वजह से मेंटल और फिजिकल हेल्थ ख़राब होती है |
क्योकि वे हमेशा तनाव और स्ट्रेस में रहते हैं जिससे उनका ब्लड प्रेशर भी बढ़ा रहता है और शरीर में कई बीमारियाँ भी होती हैं |
हमारी जिन्दगी सिर्फ काम करने के लिए ही नहीं है बल्कि हमे खुद के लिए आराम का समय भी निकालना चाहिए | कभी-कभी फॅमिली के साथ घूमने, शौपिंग करने या फिर दोस्तों के साथ पार्टी और गप-शप भी करना चाहिए |
क्योकि गुजरा हुआ बक्त वापिस नहीं आता है |
अगर आप एक बॉस के पद पर हैं तो कभी भी अपने कर्मचारियों को ओवर वर्क के लिए दबाव ना बनाए | इससे वे हमेशा प्रेशर में रहेंगे और ठीक से काम भी नहीं कर पाएँगे | इससे आपके कर्मचारियों की प्रतिक्रिया आपके खिलाफ गलत हो सकती है |
हर किसी के अपने पर्सनल प्लान होते हैं इसीलिए उनकी ख़ुशी का भी ख्याल रखना चाहिए क्योकि ऐसे ही खुश रहकर एक कर्मचारी अच्छे से काम कर सकता है |
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Lesson-3 [Anxiety At Work Summary In Hindi]
लोगो को इसी बात का डर रहता है की वे दूसरो से पीछे रह जाएँगे | लोगो दूसरो को सोशल मीडिया पर देखते हैं की वे कितने खुश हैं उनकी लाइफ कितनी अच्छी है उन्होंने कितना हासिल कर लिया है |
कोई बड़ा घर ले रहा है तो कोई बड़ी गाडी ले रहा है ये सभी चीजे देखकर हम सोचते हैं की हम भी ज्यादा काम करेंगे और इससे हम भी उसी भीड़ में लगे रहते हैं |
उन्हें ये बाते जननी चाहिए की उस ऐशो आराम के पीछे दूसरा सच भी हो सकता है क्या पता दूसरा आदमी हॉलिडे पैकेज लेकर घूमने गया हो जिसके बाद वो गिल्टी में भी हो और उसने वो फोटो लोगो को दिखाने के लिए लगाई हो |
इसीलिए हमे अपनी लाइफ को दूसरो से तुलना नहीं करनी चाहिए और खुद को इतना प्रेशर में ना डाले की खाने-पीने और सोने की फुर्शत भी ना हो | समय के साथ आपको भी सफलता मिल ही जाएगी बस जल्दबाजी में काम मत करो |
आपकी सभी सफलता, आपने जो भी हासिल किया है वो यही रह जाना है आप जिस चीज के लिए इतनी भागदौड़ करते हैं वो सब यही रह जाएगा | इसीलिए जिस भी काम को करते हैं उसे हसी-ख़ुशी करें |