दोस्तों आज बात करते है की Asteroids Comets Meteorite and Meteors kya hote hain और आज इनके बारे में क्रमानुसार जानेगे की ये क्या होते है |
आपने पूछल तारा के बारे में सुना होगा आपने उल्कापिंड के बारे में सुना होगा और अपने क्षद्रग्रह के बारे में सुना होगा और आपने तारे टूटने की खबरे सुनी होगी और उल्कापिंड के धरती पर गिरने की खबरे आपने जरुर सुनी होगी तो चलिए इनके बारे में बात करते हैं |

Asteroids Comets Meteorite and Meteors kya hote hain ?
क्षद्रग्रह (Asteroids) क्या होते हैं?
क्षद्रग्रह एक सौर अन्तरिक्ष में पाए जाने वाला पत्थर होता है जो सूरज के चारो तरफ घूमती है इसे छोटे ग्रह के रूप में भी समझ सकते हैं Asteroids का अर्थ तारा की तरह होता है तो क्या सारे Asteroids एक ही आकर में पाए जाते हैं? जहाँ तक इनके आकर की बात करें ये कई आकर में पाए जाते हैं |
कुछ क्षद्रग्रह बढे आकर में होते हैं तो कुछ बहुत छोटे आकर में होते हैं आप सोच रहे होंगे की हमारे सौर मंडल में कितने asteroids हैं जिनमे से ज्यादातर asteroids मुख्य क्षद्रग्रह बेल्ट में होते हैं जिससे ये पता चलता है की asteroids और ग्रह एक ही रास्ते में सूरज के चारो तरफ चक्कर लगाते हैं |
सारे asteroids एक ही आकर के नही होते है ये सभी रॉक और विभिन्न धातुओ के मिश्रण से बना होता है क्षद्रग्रह, मंगल और ब्रहस्पति ग्रह में मध्य में सूर्य की परिक्रमा करने वाले पिंड होते है |
इनकी अनुमानित संख्या 40000 के आसपास है जो इनकी उत्पति ग्रहों के विस्फोट के टूटे हुए भागों से हुई है |
जब भी ये धरती पर गिरते हैं तो हमे सूरज और ब्रह्माण्ड के बारे में जानकारी मिलती है |
धूमकेतु (Comets) क्या होते हैं ?
धूमकेतु आकाशीय धुल, बर्फ और हिमानी गैसों से बनी होती हैं asteroids की तरह ही धूमकेतु भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं comet (धूमकेतु) को ही पूछ्ल्तारा कहते है जब भी धूमकेतु सूरज की तरफ जाता है तो इससे निकले वाली किरने comet की पूछ बनती है जिससे हमे ये लगता है की इसकी पूछ दिखाई देती है |
अब तो आपको पता चल गया होगा की इसको पूछ्ल्तारा क्यों कहते है धूमकेतु सूरज की रौशनी के reflection की वजह से चमकता है कभी कभी ये धरती के इतने पास से गुजरते है की हमे ये आसानी से दिखाई देते हैं |
उल्कापिंड (meteorite) क्या होते है ?
उल्कापिंड अन्तरिक्ष में पाए जाने वाली चट्टाने होती हैं इनका आकर बहुत बढे और अलग अलग आकर का होता है ये छोटे आकार में भी पाए जाते हैं ये पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण तेजी से पृथ्वी की ओर आते हैं जो पिण्ड वायुमंडल के घर्षण से नही जल पाते है और चट्टानों के रूप में पृथ्वी में गिर जाते है उन्हें उल्कापिंड कहते है |
उल्का (Meteors) क्या होते हैं ?
उल्का भी उल्कापिंड की तरह हो होते है लेकिन ये वायुमंडल के घर्षण से चमकते है और पृथ्वी में पहुचने तक जलकर राख हो जाते हैं उन्हें उल्का या उल्काश्म कहते हैं और इन्हें टूटता हुआ तारा (shooting star) भी कहा जाता है |
लोगों के ये भी प्रश्न होते हैं की क्या asteroid पृथ्वी से टकराएगा ?
ऐसा तो बहुत बार हुआ है की छोटे छोटे asteroid पृथ्वी पर आकर गिरे है लेकिन उनसे कोई जादा बढ़ा नुक्सान नही हुआ है अगर कभी ऐसा हुआ की अन्तरिक्ष का सबसे बढ़ा asteroid पृथ्वी पर आकर गिर गया तो इससे बहुत बढ़ा नुक्सान हो जाएगा |
पृथ्वी से प्रतिदिन कितने उल्कापिंड/Asteroids टकराता है ?
ऐसा कोई सटीक जवाब नही है लेकिन कहते हैं की हर दिन 48.5 टन उल्कीय पिंड पृथ्वी पर गिरे है जो की आमतौर पर हमे पता नही चलता है |
उल्का पिंड कब आएगा ?
इसकी कोई भी खबर नही है की उल्का पिंड कब आएगा क्योकि धरती के हर कोने में पता नही कितने उल्कापिंड गिरते है इसका आंकड़ा लगाना मुश्किल है |
उल्का और उल्का पिंड में क्या अंतर है ?
अन्तरिक्ष में जो पिंड वायुमंडल में प्रवेश करते समय पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण तेजी से पृथ्वी की ओर आते है तथा वायुमंडल के घर्षण के कारण चमकने लगते है और वे पृथ्वी में पहुचने से पहले ही जलकर राख हो जाते हैं उन्हें उल्का या उल्काश्म भी कहते है |
जो पिंड वायुमंडल के घर्षण से जल नही पाते हैं और चट्टानों के रूप में पृथ्वी पर आ गिरते है उन्हें उल्का पिंड कहते है |
उल्का, उल्कापिंड और ग्रह में क्या अंतर है ?
उल्का और उल्कापिंड ग्रहों के विस्फोट से हुए टुकडो के बने छोटे बढे टुकडो को कहते है |
उल्कापिंड, उल्का, क्षद्रग्रह और धूमकेतु को इंग्लिश में क्या कहते हैं ?
उल्कापिंड को इंग्लिश में Meteorite, उल्का को Meteors, क्षद्रग्रह को Asteriods और धूमकेतु को Comets कहते हैं
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Conclusion (निष्कर्ष):
मैंने अभी तक उल्कापिंड, उल्का, धूमकेतु और क्षद्रग्रह के बारे में आपको अच्छे तरह से बता दिया है जिसमे इनको सही ढंग से विभाजित कर दिया गया है आपको इनको समझने में कोई दुविधा नही होगी मैंने इनके सम्बन्धित जो भी टॉपिक है उनको कवर किया है
क्या उल्कापिंड कभी पृथ्वी से टकराएगा ?
ये जब भी वायुमंडल में प्रवेश करते हैं तो गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी में छोटे छोटे टुकडो में आते हैं लेकिन ऐसा कभी नही हुआ है की कोई बढ़ा उल्कापिंड आकर पृथ्वी से टकरा गया हो