Brain Rules Book Summary In Hindi By John Medina

हेलो दोस्तों आ के इस टॉपिक में हम बात करेंगे मशहूर लेखक जॉन मेडिना की किताब ब्रेन बुक के बारे में जिसमे हम इस किताब की summary के माध्यम से जानेंगे की कैसे हम अपने ब्रेन की शक्ति की 12 गुना बढ़ा सकते हैं इसमें लेखक के द्वारा बताये गये हमारे ब्रेन के 12 secret rules जिन्हें अनकर आप सभी से ज्यादा सफल और तेज हो सकते हैं |

ब्रेन रूल्स की ये किताब मनोविज्ञान के सम्बन्धित सबसे बेस्ट सेलर किताब है जिसके लेखक जॉन मेडिना एक मशहूर साइकोलोजिस्ट हैं उन्होंने अपने अनुभवों से बताया है की कैसे हमारा ब्रेन 12 नियमो के आधार पर काम करता है |

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Brain rules book summary by john medina in hindi | Brain rules book summary in hindi

तो आज के इस किताब की 12 ब्रेन रूल्स के बारे में चर्चा करते हैं |

(1). Survival

अगर हमारा ब्रेन survive करना नहीं सीखता तो आज हम इतने आगे नहीं बढ़ते और मनुष्य जाति अभी तक खत्म हो जाती|

हमने देखा और सुना की किस तरह से विश्वव्यापी बीमारियों से लड़ते हुए भी हमारे ब्रेन ने खुद को evlove किया, किस तरह से विपरीत परिस्थिति में भी खुद को बदला, इसकी वजह से आज हमने मेडिकल के क्षेत्र में इतनी ज्यादा तरक्की की और बीमारियों से लड़ने के लिए ईलाज भी ढूंढें, जिससे मनुष्य survive करना सिखा |

इसी तरह से आज के समय में टेक्नोलॉजी इतनी तेजी से बढ़ रही है हमारा ब्रेन भी उतनी तेजी से काम कर रहा है और हम भी समय के साथ-साथ अपने कामो में सुधार कर रहे हैं हम भी समय के साथ-साथ नयी-नयी स्किल सीख रहे हैं |

(2). Exercise

लेखक का कहना है की एक्सरसाइज सिर्फ बॉडी बनाने के लिए नहीं होती है बल्कि इससे ब्रेन का भी एक्सरसाइज होता है और ब्रेन और ज्यादा पावरफुल होता है |

इससे हमारे ब्रेन को और ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है हमारे ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन बहुत तेजी से होता है और हमारा ब्रेन और तेज हो जाता है इससे हमे तनाव और आलस महसूस नहीं होता है|

आलसी लोगो का दिमाग भी उनकी तरह सुस्त होता है कई सारे लोग एक्सरसाइज नहीं करते हैं उन्हें सिर्फ एक्सरसाइज का मतलब बॉडीबिल्डिंग लगता है और बाकि चीजो के लिए उनके पास समय नहीं होता है लेकिन ऐसा नहीं होता है |

अगर आप दिन के 30 मिनट भी एक्सरसाइज के लिए निकाल लो तो इससे आपको काफी फायदा मिलेगा| इसीलिए आज से ही एक्सरसाइज करना शुरू का लो |

(3). Wiring

हमने सुना होता है की हमारा दिमाग एक जैसा होता है लेकिन लेखक का कहना है की ऐसा नहीं होता है सभी का दिमाग अलग-अलग तरह से wired होता है जिनका मतलब होता है ब्रेन के cells की अरेंजमेंट |

इस तरह से अरेंजमेंट सभी ब्रेन में अलग-अलग होती है इससे सभी का ब्रेन अलग तरह से काम करता है आपने सुना होगा की आपके क्लास में कोई मैथ्स में अच्छा होता है तो कोई साइंस में अच्छा होता है |

हो सकता ही किसी का ब्रेन मैथ्स के लिए ना बना हो और किसी का ब्रेन साइंस के लिए ना बना हो, शायद आपका ब्रेन किसी और चीज के लिए बना हो |

शायद आपका ब्रेन एक्टर बनने के लिए बना हो, शयद खिलाडी बनने के लिए बना हो |

इसी लिए हमें अपनी ब्रेन की पॉवर को खुद जानना है एयर फिर अपने टैलेंट के हिसाब से उस पर काम करना है तभी आपको सफलता मिलेगी |

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(4). Attention

दोस्तों हम लोग हमेशा बोरिंग चीजो को नजरअंदाज करते रहते हैं फिर चाहे कोई फिल्म हो या फिर टीचर के लेक्चर हो, हम इन सभी चीजो में नींद आने लगती है |

क्योकि ना ही उस फिल्म में कुछ नयापन होता है और ना ही उस टीचर के लेक्चर में कुछ नयापन होता है |

इसीलिए अगर आप टीचर हो तो अपने पढ़ाने के तरीके को बदलिए और कुछ नयापन लाने की कोशिश करें |

अगर आपके अंदर कुछ नयापन होगा तभी लोगो का अटेंशन आपके साथ बना रहेगा |

(5). Short-term memory

दोस्तों जो चीजे ज्यादा रोचक नहीं होती हैं हमारा दिमाग उसे केवल सॉर्ट टर्म के लिए याद रखता है जिस तरह से किसी क्लास का लेक्चर अगर इंटरेस्टिंग ना हो तो हम उस लेक्चर को 1-2 घंटे में भूल जाते हैं लेकिन अगर आपको अच्छे मार्क्स चाहिए तो आपको मजबूरी में पढना ही पढता है चाहे कितना भी बोरिंग क्यों ना हो |

लेकिन लेखक का कहना है की किसी भी टॉपिक को बार-बार रिपीट करने से वो हमारे शार्ट-टर्म मेमोरी से लॉन्ग-टर्म मेमोरी में बदल जाता है |

जिस तरह से कई स्टूडेंट एग्जाम नजदीक आने पर ही किताब खोलते हैं लेकिन अब आपको अपनी आदत बदलने की सख्त जरूरत है |

(6). Long-term memory

हमारे लाइफ से जुडी कुछ ऐसी चीजे जो काफी ख़ास होती है चाहे ख़ुशी हो या गम, वो हमारे ब्रेन में काफी लम्बे समय तक रहती है इसीलिए किसी करीबी के साथ बिताये गए पल हमेशा याद रहते हैं |

अगर आपके साथ कोई बुरी घटना भी हो जाती है तो उसे भी हम भुला नहीं पाते हैं |

इसीलिए अगर हमे किसी भी टॉपिक को लम्बे समय तक याद रखना है तो उसे काफी इंटरेस्टिंग तरीके से समझने की जरूरत है इससे ब्रेन उस चीज को लम्बे समय तक याद रखेगा |

(7). Sleep

हमारे ब्रेन को स्वस्थ और तंदरुस्त रखने के लिए पर्याप्त नींद की जरूरत होती है जब हम सोते हैं तो हमारी बॉडी खुद को 80% तक heal कर लेती है |

आपने देखा होगा की जब आप थके होते हैं या फिर थोडा गुस्से में होते हैं लेकिन जब आप सोकर उठते हैं तो आपका ब्रेन तरोताजा महसूस करता है क्योकि हमारा ब्रेन सोते समय पुराने और बुरे विचारों को साफ़ कर देता है |

पूरे दिन में हमारा ब्रेन के कई cells मरते रहते हैं लेकिन सोते समय हमारा ब्रेन फिर से उन cells को बना लेता है जिससे हमारा ब्रेन अच्छे से काम करता है |

जो लोग समय से नहीं सोते हैं और पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं उनका दिमाग सही से काम नहीं करता है ऐसे लोगो को एंग्जायटी, डिप्रेशन भी होने लगता है इन्हें भूलने की समस्या होने लगती है आयर ये काफी चिडचिडे और गुस्सैल भी हो जाते हैं |

इसीलिए आपको रोजाना 7-8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए |

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(8). Stress

स्ट्रेस हमारे ब्रेन के लिए सबसे घातक होता है ये हमारे ब्रेन के न्यूरॉन को जल्दी-जल्दी खत्म कर देता है जिससे हमारे मेमोरी और इंटेलीजेंस पर बुरा प्रभाव पड़ता है |

जिस तरह आप घर से तनाव में आकर अपने ऑफिस में अच्छे से काम नहीं कर सकते हैं इसीलिए तनाव से हमेशा दूर रहें |

(9). Sensory Integration

हमारे अंदर 5 ज्ञानेन्द्रियाँ होती हैं जो की ब्रेन पॉवर को बढाने के लिए इन इन्द्रियों का सही इस्तेमाल करना चाहिए |

जैसे sense ऑफ़ smell हमारी smell पॉवर को बढाने के लिए फूलो की खुशबू बहुत अच्छी होती है |

sense ऑफ़ sound में म्यूजिक सुनने से ब्रेन रिलैक्स feel करता है और स्ट्रेस से दूर रहता है वो भी सिर्फ अच्छे म्यूजिक सुनने से |

Sense of touch में जैसे माँ के स्पर्श से ही आपको ख़ुशी मिलती है और आपकी सारी चिंता दूर हो जाती है |

जैसे छोटे बच्चे को गोदी में उठाने से भी प्यार और सुकून मिलता है |

इसी तरह अपने ब्रेन पॉवर को बढाने के लिए अपनी सभी इन्द्रियो को तरोताजा रखना चाहिए

(10). Vision

सभी इन्द्रियो में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हमारी आँखे होती हैं जो की किसी को भी स्मरण करने में सहायता करती है |

हम ज्यादातर देखी हुई चीजो को ही याद कर पाते हैं बजाय सुनने के |

आप अपने आसपास के लोगो को चेहरों को ज्यादा समय तक याद रख पाते हैं लेकिन उनके नाम आप भूल जाते हैं आप उनसे काफी सालो के बाद भी मिले तो आपको उनका चेहरा याद रहेगा |

इसी तरह किसी स्टोरी को पढ़कर आप जल्दी भूल जाते हैं लेकिन किसी फिल्म को स्टोरी आपको लम्बे समय तक याद रहती है |

(11). Gender

एक एक्सपेरिमेंट में मेल और फीमेल को एक हॉरर फिल्म दिखाई गयी, मेल के दिमाग का राईट हिस्सा एक्टिव दिखा और फीमेल का लेफ्ट हिस्सा एक्टिव दिखा |

इससे ये ज्ञात हुआ की मेल और फीमेल में अलग-अलग इमोशन प्रोसेस होते हैं जैसे किशोरावस्था आने पर भी मेल और फीमेल में अलग-अलग behavior दिखाई देते हैं |

जिस तरह से लड़के गुस्सैल हो जाते हैं तो लड़कियां काफी इमोशनल हो जाती हैं |

(12). Exploration

हमारा दिमाग चीजो को एक्स्प्लोर करने के लिए बना हुआ है हम बचपन में बहुत जिज्ञासु होते हैं और कई सवाल पूछते हैं लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं तो हमारी curiosity लेवल ख़त्म हो जाती है |

बड़े होने पर हम आलस करने लगते हैं हम एग्जाम में रट्टा लगाने पर ध्यान देते हैं |

आज के समय समाज हमारे अंदर कई तरह के डर और वहम बिठा देती हैं हमे हर बात पर टोकती है मतलब हम खुद से कुछ नया नहीं कर सकते हैं |

इन सभी वजहों से हमारा दिमाग संकुचित हो जाता है और हमारी curiosity खत्म हो जाती है हम नयी चीजो को एक्स्प्लोर नहीं करते हैं |

लेकिन जिन लोगो में curiosity और exploration की quality होती है वे बड़े सफल होते हैं |

दोस्तों इसी तरह आपको भी अपने अंदर जिज्ञासा को बनाये रखना चाहिए आपका जिज्ञासु होना बहुत जरुरी है |

Final Word :

दोस्तों जॉन मेडिना की ये किताब ब्रेन रूल की इस summary में हमने काफी कुछ सीखा जिसमे हमने ब्रेन से जुडी काफी सीक्रेट बातें जानी की कैसे हम अपने ब्रेन को पावरफुल बना सकते हैं |

दोस्तों आपको भी पूरी किताब एक बार जरुर पढनी चाहिए |

Vikram mehra

मेरा नाम विक्रम मेहरा है मै उत्तराखंड का रहने वाला हु मैंने B.sc (PCM) से की हुई है और मुझे टेक्नोलॉजी, साइंस और लोगो को अपने ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देना बहुत पसंद है मेरा मकसद ऑनलाइन माध्यम से लोगो तक इनफार्मेशन पहुचाना है और साथ ही मुझे मूवीज देखना, घूमना बहुत पसंद है |

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