दोस्तों सुकरात एक महान ग्रेट यूनानी दार्शनिक, विचारक और शिक्षक थे जो ग्रीस देश के रहने वाले थे उनके शिष्य प्लेटो भी एक महान दार्शनिक थे जो आगे जाकर अरस्तु के गुरु हुए और जो alexander the great के भी गुरु हुए |
इस किताब के माध्यम से लेखक ने कुछ महान दार्शनिक ke दर्शन का विवरण दिया है जिससे हमे ज्ञात होता है की हमारे जीवन में दुखो का क्या कारण है और हम लाइफ में ख़ुशी कैसे पा सकते हैं |
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Breakfast With Socrates Book Summary In Hindi | Breakfast With Socrates Audiobook Summary
Chapter.1 : Philosophy In Daily Life (Breakfast With Socrates Book In Hindi)
लोगो की ये धारणा बनी हुई है की philosophy सिर्फ सपने देखने वालो के लिए है या फिर उन लोगो के लिए जो सोचते रहते हैं लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है philosophy का असली मतलब बड़े-बड़े मुश्किल चीजो के बारे में सोचना और अमल करना नही है बल्कि रोजाना की लाइफ के छोटे-छोटे डिसिशन लेने के बारे में सोचना भी philosophy होता है |
philosophy सिर्फ बड़े कामो के साथ डील करती तो है लेकिन लेखक कहते हैं की ये रोजाना जब आप सुबह सोचते हैं की नाश्ते में क्या खाओ, कौन सी ड्रेस पहनू, आज का क्या काम है जैसे छोटे-छोटे सवाल भी philosophy में ही आते हैं |
philosophy का मतलब होता है love of wishdom | यानि की जो भी हमारी बुद्धि देखती, सोचती, समझती है उनसे प्यार करना और उस सोच पर विश्वास करना | philosophy को और आसान तरीके से समझे तो इसका मतलब है की डेली लाइफ के डिसिशन लेने में सोच समझकर फैसला लेना | अगर आप ऐसा नहीं करते हो तो आपको आत्मग्लानि होती रहेगी |
जैसे पेरेंट्स अपने बच्चो को बोलते हैं की कॉलेज में सिर्फ साइंस सब्जेक्ट्स ही लेना, उन्हें लगता है की आर्ट्स कमजोर बच्चे लेते हैं और आर्ट्स वालो के लिए करियर का बहुत कम स्कोप होता है|
इसीलिए आपको अकेले में बैठकर शांत होकर इस बारे में सोचना चाहिए तभी आप एक सही निर्णय ले पाएँगे और उस समय आप एक philosopher की तरह ही सोच रहे होंगे |
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Chapter.2 : Fight Between Ego And Superego (Breakfast With Socrates Summary in Hindi)
लगभग सभी के दिन की शुरुआत मोर्निंग में जल्दी उठने से होती है और फिर वर्कआउट, फ्रेश होकर ब्रेकफास्ट करने लगते हैं और फिर कोई स्कूल, कॉलेज या फिर अपना ऑफिस जाता है
लेकिन कई लोग सुबह जल्दी उठ नहीं पाते हैं वे अलार्म लगाने के बाद भी नहीं उठते हैं और सोचते है की पांच मिनट और सो लेता हु जिससे वे और लेट हो जाते हैं और इसके चक्कर में वे जल्दी-जल्दी फ्रेश होकर, ब्रेकफास्ट भी ठीक से नहीं कर पाते हैं और ऐसे में वे अपने काम में लेट पहुचंते हैं |
लेखक कहते हैं की हमारे अंदर हर सुबह दो तरह की ego में लड़ाई होती हैं जैसे Sigmund Freud नाम के साइकोलोजिस्ट ने दो तरह के ego के बारे में बताया है- Ego और Superego |
Ego हमारे lizard ब्रेन से आती हैं जो हमेशा सुख, आराम और शांति को पसंद करता है उसे किसी भी तरह के स्ट्रेस और सरप्राइज से कोई लेना देना नहीं होता है लेकिन Superego हमारे mammalian brain से आती हैं यह एक एडवांस ब्रेन हैं ये देखती हैं की सोसाइटी हमसे क्या उम्मीद करती है और हम भी उसी के अनुसार काम करते हैं |
अगर आप सुबह जल्दी उठकर समय पर ऑफिस चले जाते हैं तो ये आपके superego की जीत होती हैं इसी तरह हमारे अंदर डेली ego और superego के बीच फाइट होते रहती हैं इसलिए अगर हमेशा आगे बढ़ना है तो अपने superego को ही जिताने का काम करें | इससे आपको असल में आनंद मिलेगा जो आपको ego कभी नहीं दिला पाएगी |
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Chapter.3 : Doctrine Of Two World (Breakfast With Socrates Audiobook In Hindi)
दोस्तों क्या आपको अपने जॉब को करने में बोरियत होती है क्या आपको लगता है की आप इस 9-5 वाली जॉब में फंस गये हैं |
अगर आपका जवाब हाँ है तो इससे चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योकि महान दार्शनिक Friendrich Nietzsche भी इस परेशानी से जूझते रहे और अंत में उन्होंने ऐसा प्रश्न बनाया जिससे ये पता लग सकता है की क्या वह अपनी लाइफ से खुश है की नहीं |
जो लोग इसका उतर हाँ में देंगे वही लोग लाइफ में खुश रहेंगे और जो इसका जवाब नहीं में देंगे वे कभी खुश नहीं रहेंगे | लेकिन असल में सच्चाई ये है की कोई भी अपनी लाइफ से खुश नहीं है हर किसी को कुछ न कुछ कमी जरुर है |
इस स्टडी के बाद Friendrich ने doctrine of two world नाम का concept दिया | जिसका मतलब ये है की इंसान दो तरह की दुनिया में जीता है एक असली की दुनिया में और दूसरी सपनो की दुनिया में |
हम अपने डिप्रेशन और बोरियत से छुटकारा पाने के लिए सपने की दुनिया बना लेते हैं हम ये सोचते हैं की काश ज्यादा पैसा होता, बड़ा घर होता, अच्छा लाइफ पार्टनर होता इत्यादि |
लेकिन friendrich ने बताया की ये इंसानों की कमजोरी की निशानी हैं इस तरह से लोग हमेशा दुखी रहते हैं और मौजूदा लाइफ को ठीक से जी नहीं पाते हैं |
इसीलिए अगर आपको लाइफ में खुश रहना है तो सपनो की दुनिया से बाहर आना होगा और जो भी अभी आपके पास हैं उसकी कद्र करना सीखो |
वरना आपका जीवन हालातो का रोना रोने लग जाएगी और हो सकता है की कभी बड़ा घर न मिले या कभी आप अमीर न बन पायें |
तो क्या इन चीजो के बिना आप कभी खुश नहीं रह पाओगे? हमे एक ही जीवन मिलता है उसे हर पल ख़ुशी से जियो और यह सब आपके हाथ में हैं |
ये सब आपके पॉजिटिव attitude पर निर्भर करता है ऐसे में पॉजिटिव लोगो को ही friendrich ने super human कहा है |
इसीलिए हर पल खुश रहना सीखो और super man बन जाओ |
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Final Word :
तो दोस्तों breakfast with socrates की बुक summary में आपने कई महान दार्शनिक के दर्शन के बारे में एक संक्षिप्त निचोड़ जान लिया होगा | कैसे philosophy हमारे लाइफ में अपना रोल निभाती हैं इसे भी जान गये होंगे |
अगर ये बुक summary आपको अच्छी लगी तो इस किताब को अवश्य ही पढ़े |