दोस्तों आज के इस टॉपिक में हम बात करेंगे आज के दौर में इन्टरनेट और टेक्नोलॉजी से जुड़े साधन के बारे में जिमसे हम लगभग सारे कामकाज इन्टरनेट के द्वारा ही कर रहे हैं और हमारी कोई भी जानकारी इन्टरनेट से छुपी हुई नहीं है |
साइबर क्राइम एक ऐसा काम है जिसमे कुछ लोग इन्टरनेट पर आपराधिक गतिविधि करते हैं जो की कानूनी तौर पर अपराध होता है |
10 Lines Essay on cyber crime in hindi : साइबर अपराध पर निबन्ध
- आज के तकनिकी के दौर में लोग अपने जीवन को सरल बनाने के लिए तरह तरह के तकनीक अपनाते हैं जिससे उनके काम आसान हो जाए और जिसके लिए लोगो ने इन्टरनेट का सहारा लिया हुआ है |
- इन्टरनेट ने पूरी दुनिया के लोगो को जोड़ कर रखा हुआ है जिससे हमारी कोई जानकारी किसी से छुपी हुई भी नहीं है |
- कंप्यूटर और इन्टरनेट ने कई ऐसे खतरों को भी पैदा कर दिया है जिससे हम छुप नहीं सकते हैं और जिसका सामना भी करना पड़ रहा है |
- साइबर क्राइम उन लोगो के लिए खतरा है जिनके कंप्यूटर, इन्टरनेट और मोबाइल प्रोद्दोगिकी से जुड़े हुए हैं और उनका डाटा इन्टरनेट पर मौजूद है |
- साइबर क्राइम एक ऐसा अपराध है जिसमे कंप्यूटर और इन्टरनेट जैसे तकनीको का उपयोग अपराध के रूप में किया जाता है जिसमे नफरत फ़ैलाने, पोर्नोग्राफी, पर्सनल जानकारी, बैंक धोखाधड़ी, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कोड की जानकारी जैसे तमाम पर्सनल जानकारी से लेकर दुनिया भर में विभिन्न वायरस फ़ैलाने तक का अपराध साइबर अपराध होता है |
- साइबर क्राइम में चाहे एक व्यक्ति, एक समूह या पूरा देश द्वारा इन्टरनेट के माध्यम का उपयोग अपराध के रूप में किया जाता है जिसमे पीड़ित व्यक्ति को ये पता नहीं चलता है की किस ने उसके साथ अपराध किया है |
- हजारो दूर रहने पर भी कोई भी इंसान इसका शिकार हो सकता है इसीलिए साइबर क्राइम सार्वभौमिक और सर्वव्यापी है |
- साइबर क्राइम में सामान्य तौर पर विभिन्न प्रकार के वायरस से किसी भी डिवाइस को हैक किया जाता है जिससे उस डिवाइस से किसी की भी जानकारी निकाल कर उसका गलत इस्तेमाल किया जा सके |
- इस तरह के लोग हैकर होते हैं जो इन्टरनेट पर किसी भी व्यक्ति की पर्सनल जानकारी चाहे बैंक डिटेल, पिन नंबर या फिर जीमेल अकाउंट को हैक कर लेते हैं |
- इस तरह के काम या तो ये लोग अपने खुद के फायदे के लिए करते हैं या फिर किसी बढे संगठन के लिए करते हैं जिनका मकसद क्राइम करना होता है |
- ऐसे ही बहुत सारे प्रकार के साइबर क्राइम होते हैं जिसमे मुख्यत एक कॉपीराइट क्राइम का मामला भी होता है जिसमे लोग किसी आर्टिस्ट, राइटर की पुस्तके, फिल्मे, गाने और फोटो जैसे कार्यो को लोग बिना उनकी इजाजत के इस्तेमाल कर लेते हैं जिससे इन सामग्री के मालिक के साथ ऐसे लोग कॉपीराइट का उल्लंघन करते हैं |
- इस तरह के लोग इनके ओरिजिनल कॉपी के डुप्लीकेट को बाजार में बेच देते हैं जोकि एक तरह से क्राइम होता है |
- आज की युवा पीढ़ी बहुत ही अन्जान है उन्हें नहीं पता होता है की उनके साथ क्या क्या हो सकता है साइबर बुलिंग आज के समय आम बात हो गयी है जो लोगो के लिए डिप्रेशन, गंभीर बीमारी और मौत का कारण बन सकते हैं |
- इस तरह के अपराध का उपयोग मानहानि के रूप में भी किया जाता है लोगो को इज्जत कमाने में सालो लग जाते हैं लेकिन एक गलत सोच और जानकारी कुछ छण में सब खत्म कर देती है
- इस दुनिया में अच्छाई और बुराई दोनों है और हर आविष्कार के कई लाभ भी होते हैं तो उनके नुकसान भी उतने ही हो सकते हैं इसीलिए हमे अपनी जिन्दगी और इन्टरनेट की दुनिया में थोडा सतर्क रहना चाहिए |
साइबर क्राइम में होने वाले अपराध :
सूचना प्रोद्दोगिकी के तीव्र विकास के साथ साथ साइबर अपराधो में लगातार वृद्धि तकनीक के फायदे के विरुद्ध नुकसानदायक भी साबित होती जा रही है आधुनिक दूरसंचार उपकरणों जैसे कंप्यूटर, मोबाइल व इन्टरनेट सम्बन्धी साधन का प्रयोग करते हुए लोगो के मानसिक, शारीरिक रूप से नुकसान पहुचाना साइबर क्राइम की श्रेणी में आता है |
साइबर क्राइम किसी भी देश की सुरक्षा और वित्तीय स्वास्थ्य के लिए खतरा है हैकर फिशिंग के जरिये इन्टरनेट पर ईमेल, नकली वेबसाइट एवं फर्जी लिंकों जैसे तरीको से लोगो को झांसा देते हैं यूजर के साथ की गयी इस धोखेबाजी की “फिशिंग” कहा जाता है |
फिशिंग में साइबर स्टॉकिंग, अश्लील सामग्री या प्रसार, ईमेल ‘स्पूफिंग’ के माध्यम से लडकियों एवं महिलाओ की व्यक्तिगत जानकारी, तस्वीरे निकालकर उन्हें ब्लैकमेल करना, साइबर पोर्नोग्राफी आदि जैसे अपराध शामिल हैं |
साइबर क्राइम की चपेट से बचने के उपाय :
सबसे पहले अपको इस बात का ध्यान देना होगा कि हमारा डाटा सुरक्षित रहे और इसके लिए हम सभी को अपनी पर्सनल जानकारी को प्राइवेट रखना चाहिए।
कभी भी बिना सोचे समझे किसी भी ऐसे लिंक की क्लिक नहीं करना चाहिए जिसकी जानकारी आपको नहीं है क्योंकि वो किसी तरह का वायरस हो सकता है जो आपके डाटा को हैक कर सकता है।
अगर अपको कोई ऐसे फेक कॉल आए और जिसमे बोला जाए कि हम आपकी कुछ जानकारी चाहिए तो अपको बिल्कुल भी अपनी जानकारी नहीं देनी चाहिए और अगर कोई ज्यादा परेशान करे तो इसकी सूचना पुलिस को देनी चाहिए।
हमेशा अपनी पर्सनल जानकारी को सिक्योर रखना चाहिए किसी को भी इसके बारे में पता नहीं होना चाहिए।
साइबर क्राइम के लिए भारत सरकार द्वारा उठाये गये कदम :
साइबर क्राइम जैसे अपराधो की जांच के लिए भारत के राज्यों एवं संघ शासित प्रदेशो में साइबर अपराध प्रकोष्ठ स्थापित किये है भारत में सूचना प्रोद्दोगिकी अधिनियम 2000 पास किया गया जिसमे 2 साल की कैद तथा जुर्माने का प्रावधान है |
इसके अलावा सरकार ने “राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013” जारी की जिसमे संवेदनशील सूचनाओ के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय अतिसंवेदनशील सूचना अवसंरचना संरक्षण केन्द्रों का गठन किया गया |
एसोचैम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में वर्ष 2011 से 2014 तक पंजीकृत साइबर अपराध मामलो में 350 फीसदी की वृद्धि हुई है |
Conclusion (निष्कर्ष) :
अतः निष्कर्ष निकलता है की साइबर क्राइम हर देश की सुरक्षा, आर्थिक एवं प्रशासनिक तंत्र को विफल कर सकता है जिस हेतु अंतराष्ट्रीय स्तर पर अंतर एजेंसी समन्वय के लिए भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र-14 वी कारगर साबित हो सकता है |
भारत को अन्य देशो के साथ सहयोग कर सागे बढ़ना चाहिए एवं युवा पीढ़ी को भी यह ध्यान देना होगा की “डिजिटल इंडिया” भी इस पर पूर्णत निर्भर है |
जिस पर उचित पासवर्ड का उपयोग कर डाटा को दुरुपयोग से बचाना होगा अगर सामाजिक जागरूकता के साथ साथ उचित मानवीय नैतिक मूल्यों पर ध्यान रखते हुए आगे बढे तो भारत के विकास में यह मील का पत्थर साबित होगा |
FAQs.
साइबर क्राइम ने इंसान के जीवन में क्या प्रभाव डाला है?
साइबर क्राइम ने इंसान के जीवन में बहुत ही गहरा प्रभाव डाला है जब से इन्टरनेट का विस्तार हुआ है तब से कुछ भी चीजे छुपी हुई नहीं है |
आज के समय में जो भी इन्टरनेट के इस्तेमाल करते हैं उनका डाटा इन्टरनेट पर स्टोर है जो की गलत लोगो के हाथ लग सकता है |
साइबर क्राइम भविष्य में कितना हावी होगा ?
अगर हम लोग इसी तरह से लापरवाही करेंगे या फिर जागरूक नहीं होंगे तो ऐसे ही साइबर अटैक होते रहेंगे और लोग साइबर क्राइम का शिकार होंगे |