हेलो दोस्तों जिस तरह से कुछ लोग काफी स्किल फुल होते है और वे काफी कुछ हासिल कर जाते हैं वहीँ दुसरे लोग हमेशा स्ट्रगल करते रहते हैं और उन्हें सफलता भी नहीं मिल पाती है इसकी मुख्य वजह ये है की उन्हें Ultralearning की तकनीक का पता नहीं होता है ऐसे में यदि आपको Ultralearning की तकनीक के बारे में जानना है तो इसकी बुक summary को पढकर आप जान सकते हैं |
Ultralearning Book Summary In Hindi | Ultralearning Audiobook Summary In Hindi
1.Become Quick Learner
यदि आपको भी अल्ट्रा लर्नर बनना है तो आपके अंदर चीजो को जल्दी से सिखने की आदत होनी चाहिए और ऐसी आदत आपको अपने अंदर डालनी होगी | जैसे कुछ लोग काफी आलसी होते हैं उन्हें अगर कोई टास्क दिया जाए तो वे स्टार्ट करते ही उसे छोड़ देते हैं वे सोचते हैं की चलो कल कर लेंगे नहीं तो परसों कर लेंगे |
ऐसे में सबसे पहले आपको इस आदत को छोड़ना होगा | कोई भी टास्क क्यों न हो उसे सही समय पर पूरा करने की कोशिश करो | इसी तरह आप पढ़ाई में भी कर सकते हो, एक बार आपका माइंड Ultralearning स्टेट में आ जाए तो आप किसी भी काम को समयावधि से पहले की कम्पलीट कर लोगे |
अगर आपका टास्क थोडा लम्बा है तो आप थोड़ी –थोड़ी समय में शार्ट ब्रेक भी ले सकते हैं जिससे आपका माइंड और बॉडी अच्छे से रिस्पांस करेंगे | ऐसा करके आपकी प्रोडक्टिविटी भी बनी रहेगी और आप एक क्विक लर्नर भी बनोगे |
बीच-बीच में आप खुद को रिफ्रेशमेंट के लिए कुह भी एक्टिविटी कर सकते हो जिससे आपको सुकून मिलता हो, इससे आपको आउटपुट अच्छा मिलेगा |
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2.Craft A Strategy For Ultralearning
किसी भी काम को करने से पहले उसकी बेहतर स्ट्रेटेजी बना लेना चाहिए जैसे आपको किसी स्टार्टअप या बिज़नस आईडिया की implement करने से पहले कई सारी चीजो पर ध्यान देना होता है ऐसे में आपको ये देखना होता है की इन्वेस्टमेंट कितनी लगेगी, मार्केटिंग कैसे होगी, टीम कैसे बिल्ड किया जाएगा, क्लाइंट डील कैसे हासिल होगी ?
ऐसी तमाम चीजो के लिए एक well proof स्ट्रेटेजी का होना बहुत जरुरी होता है वर्ना आपका कोई भी काम आगे नहीं बढ़ता है आपके काम को छोटे-छोटे पार्ट्स में बाँट लो, फिर उस काम को एक टाइम लिमिट में पूरा करने की कोशिश करो, कहाँ पर सुधार की जरूरत है और कहाँ पर प्रोग्रेस हो रही है इस चीज पर आपको ध्यान देना होगा |
3.Focus Is Everything (Ultralearning Audiobook In Hindi)
आपका फोकस एकदम क्लियर होना चाहिए जैसे महाभारत में अर्जुन का फोकस था | लाइफ में फोकस का होना बहुत जरुरी है जो एकदम से आपके अंदर नहीं आती है इसे आपके अंदर आने में कई साल लग जाते हैं |
आपका फोकस क्या हासिल करना है क्या बनना है ये आपके अंदर होना चाहिए |
जिस तरह से किसी बिज़नस में पैसा बनने मे सालो लग जाते हैं उसके लिए आपके अंदर एक विज़न होना चाहिए की चाहे कुछ भी हो जाए मै शुरुआत में पैसो के बारे में नहीं सोचूंगा, मेरा प्राइम फोकस होगा इस बिज़नस को एक लेवल तक पहुचाना और फिर वही बिज़नस आपको पैसे कमाकर देगा |
4.Learning And Practical
इसका सबसे बढ़िया उदाहरण ये हैं की यदि आपको कोई भाषा बोलना सीखना है तो आप एक क्लास या कमरे में बैठकर किताबो को पढकर नहीं सीख सकते हैं स्पीकिंग एक पब्लिक आर्ट है इसे जब तक लोगो के सामने नहीं बोलेंगे तब तक आप कभी नहीं सीख सकते हैं |
आप शुरुआत में किसी अंग्रेज से टूटी फूटी अंग्रेजी में बात करने की कोशिश कर लोगे तो, भले आप अच्छी इंग्लिश नहीं बोल सकोगे लेकिन कुछ समय में बाद उस अंग्रेज की जैसी इंग्लिश बोलने लगोगे |
इसकी जगह यदि आप किसी कमरे में अकेले ही शीशे के सामने बोलते रहोगे तो कभी भी इंग्लिश स्पीकिंग नहीं सीख पाओगे |
जिन लोगो को कॉलेज पास आउट के बाद कैंपस प्लेसमेंट नहीं मिलती है तो वे कही भी स्टार्टअप बेस कंपनी में इंटर्नशिप के तौर पर काम शुरू कर सकते हैं फिर बाद में जाकर एक्सपीरियंस के बदौलत अच्छी जॉब पा सकते हैं |
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5.Daily And Long Term Practice
कोई भी काम सीखना हो तो उसमे लगातार प्रैक्टिस करनी होती है शुरुआत में तो काफी कठिनाई होती है और pain के साथ-साथ बोरिंग भी होता है लेकिन जैसे-जैसे आप करते जाते हैं तो आपको वही काम आसान लगने लगता है |
जैसे यदि आपको गिटार सीखना हो तो शुरुआत में तो आपको ठीक से गिटार पकड़ना भी नहीं आएगा और फिर जब गिटार बजाना शुरू करोगे तो कई बार उंगलीयों में चोट भी आ जाएंगी | फिर आप परेशान होकर छोड़ भी देंगे |
आपको ऐसी गलती बिलकुल भी नहीं करनी है भले ही दिन में 15-20 मिनट की प्रैक्टिस रोजाना करो, लेकिन छोड़ना बिलकुल भी नहीं चाहिए |
6.Testing Is Important (Ultralearning Book In Hindi)
आप कुछ भी सीख रहे हैं आपको बीच-बीच में खुद को टेस्ट करना भी बहुत जरुरी है इससे आपको खुद के strong point और weak point का भी पता चल जाएगा |
जैसे आप कोई लैंग्वेज सीख रहे हो लेकिन जब तक खुद को टेस्ट नहीं करोगे तो कैसे पता चलेगा की आप किस लेवल पर हो |
इसी तरह से जब आप गाडी चलाना सीखते हो तो जब तक आप अकेले रोड पर नहीं चलोगे तो कैसे पता चलेगा की आपकी ड्राइविंग में कितना सुधार हुआ है | ऐसे में आपको खुद को टेस्ट करते रहना है जिससे आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता रहेगा |
आप जिस दिन अपने weak point को सुधार लोगे उस दिन आप एक Ultralearner बन जाओगे |
7.Outcome And Feedback
आप कुछ भी नयी चीज सीख रहे हो और उसका कोई नतीजा ही नहीं मिल रहा है तो उस लर्निंग का कोई फायदा नहीं है लर्निंग में हमेशा ही आउटकम और फीडबैक का अहम रोल होता है | जैसे आप कोई लैंग्वेज सीख रहे हो और बाद में आप बोल ही ना पाए तो उस सीखने का कोई फायदा नहीं होता है इसी तरह आप गिटार बजाना सीख रहे हो और बाद में आपको बजाना ही ना आये तो उसे सीखने का कोई फायदा नहीं है |
इसीलिए आपको ये देखना चाहिए की कितने समय में आपको आउटकम मिल जाएगा | यदि आपको अपने आउटकम का वेलिडेशन करना है तो आप दूसरो से फीडबैक ले सकते हैं |
जैसे जिस लैंग्वेज को आपने सीखा है उसमे आप दूसरो से बात करके अपने स्किल को शो कर सकते हो या फिर कहीं स्टेज पर गिटार बजाकर अपना टैलेंट शो कर सकते हो | फिर जाकर आप लोगो से honest फीडबैक ले सकते हैं की कहाँ पर आपने गलतियाँ की और कहाँ पर सुधार की जरूरत है |
अगर आपको फीडबैक लेना हो तो अपने करीबी से कभी न ले वो आपका दिल रखने के लिए शायद आपकी तारीफ कर लें | आपको एक बार फीडबैक मिल जाने पर उस पर काम करना शुरू कर दें |
8.Avoid Cramming (Ultralearning Summary In Hindi)
जैसे कुछ लोगो के अंदर ये धारणा है की तुक्का लगाना या रट्टा मारने को ही Ultralearner कहते हैं लेकिन ये एकदम गलत है | आप ऐसे ही सारी चीजो को रटने लगेंगे तो आपके दिमाग की क्रिएटिविटी खत्म हो जाएगी इसके बजाय आप खुद उस काम को प्रैक्टिकल कर सकते हैं |
यदि आप कार ड्राइविंग सिखने के लिए इंस्ट्रक्टर के बताये गये सारे नियमो को याद भी कर लेंगे तो भी आप कार चलाना नहीं सीख पाओगे | इसी तरह से स्टूडेंट मैथ्स के फार्मूला का कितना भी याद कर लें, लेकिन यदि वे उस फार्मूला को implement नहीं करेंगे तो कोई फायदा नहीं होगा |
जब तक आप implement नहीं करोगे तब तक आप Ultralearner नहीं बन सकते हैं |
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9.Intuition And Knowledge
Intuition का मतलब आप अपनी छुपी हुई ज्ञानेंद्री को बोल सकते हैं जिससे आपको कई बार किसी घटना के घटित होने का एहसास हो जाता है इसे ही Intuition कहते हैं | जैसे आपको अपने result का पहले की एहसास हो जाता है की आप टॉप करने वाले हो इसे ही गट फीलिंग या फिर Intuition कहते हैं |
लेकिन इस चीज के लिए भी आपके अंदर ज्ञान का भण्डार होना चाहिए | उसे ही प्रोसेस करने से आपको Intuitive Ideas आते हैं | जैसे कई क्रिएटिव लोगो को कुछ नया करने का आईडिया आते रहता है और ये आईडिया आते कैसे हैं ? ये आईडिया आते हैं Reading, Listening, Implementation से | जिसे आप खुद प्रैक्टिकल करके खुद को Ultralearner बनाते हो |
10.Genius Always Experiment
आपको एक्सपेरिमेंट करना नहीं छोड़ना चाहिए | आपने अभी तक जो भी सीखा है उन सारे चीजो से हटकर आप कुछ नया करो | तभी आप कुछ नया इन्वेंशन कर पाओगे | जो आज तक किसी ने ना किया हो |
ऑथर ने एक फेमस पेंटर Van Gogh के बारे में बताया की उन्हें शुरुआत से पेंटिंग करना अच्छा लगता था लेकिन वे एक अच्छे पेंटर नहीं थे वे एक स्कूल-ड्रॉपआउट भी थे | बाद में उन्होंने अपने पेंटिंग स्टाइल में काफी एक्सपेरिमेंट किया | शुरुआत में किसी को उनकी पेंटिंग पसंद नही आती थी | लेकिन एक्सपेरिमेंट करते-करते उन्होंने खुद का एक स्टाइल बना लिया और उसके बाद उन्होंने ऐसे चित्र बनाये जिसे देखकर सभी उनकी तारीफ़ करते थे |
और आज के समय Van Gogh एक विश्व प्रसिद्ध पेंटर के रूप में प्रसिद्ध हैं यदि उन्होंने अपनी कला का साथ एक्सपेरिमेंट नही क्या होता तो आज उनकी पेंटिंग किसी सिर्फ एक भीड़ का हिस्सा होती | इसीलिए दोस्तों लेखक का कहना है की एक्सपेरिमेंट करते रहना चाहिए आप Ultralearner तो बनोगे ही इसके साथ ही आप कुछ नया मास्टर-पीस create भी कर सकते हो |