दोस्तों Shonda Rhimes अमेरिका के कई फेमस टीवी सीरियल जैसे Greys Anatomy की क्रिएटर रह चुकी है उनका स्वभाव काफी Introvert था और वे काफी Workaholic भी थी बेहद फेमस होने के बावजूद भी वे ज्यादा खुश नहीं रहती थी |
जब एक बार किसी पार्टी में उनके दोस्त ने उन्हें बोल दिया की तुम तो किसी भी बात पर हाँ नहीं बोलती हो | और फिर उन्होंने इस बात पर विचार किया की वे अब अगले एक साल के लिए हर काम के लिए Yes बोलेंगे |
दोस्तों ये किताब उनकी Year Of Yes का ही नतीजा है जिसमे उन्होंने उस एक साल में सीखे अनुभवो को साझा किया है जो आपको भी जानना बहुत जरुरी है |
Year Of Yes Book Summary In Hindi | Year Of Yes Audiobook Summary
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Lesson.1 – Utilize Social Pressure [Year Of Yes Book In Hindi]
एक बार Shonda को एक बड़ी पार्टी से आमंत्रित किया गया था जहाँ उस समय की राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भी आ रहे थे लेकिन Shonda इनती introvert थी की उन्होंने जाने के लिए बिलकुल मना कर दिया |
लेकिन उनके दोस्त ने निमन्त्रण स्वीकार कर लिया और Shonda को किसी भी तरह उस पार्टी में ले गयी | Shonda ने उस पार्टी को काफी एन्जॉय किया ऐसी पार्टी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी थी |
अपने इन्ही अनुभवो से उन्होंने काफी कुछ सीखा जिस पर आधारित उन्होंने ये किताब लिखी | उनका कहना था की हर किसी की अपनी limitation होती है जब वो क्रॉस होने लगती है तो वे उसके आगे नहीं जा पाते हैं | ऐसे में हमे अपने दोस्तों का सहारा लेना चाहिए जब वे किसी काम के लिए हमे पुश करते हैं तो हमे एक्सेप्ट कर लेना चाहिए |
शुरुआत में हमे काफी दिक्कत हो सकती है लेकिन जब हम अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलते हैं तो आप देखोगे की आपकी पर्सनालिटी में काफी ग्रोथ हो गयी होती है | कई ऐसे लोग होते है जो एक ही तरह की बोरिंग लाइफ में बंध जाते हैं और अपनी रूचि और पसंद के काम करना छोड़ देते हैं जैसे घूमने जाना, शौपिंग करना या बाहर होटल में खाने जाना इत्यादि |
ऐसा करने से आप देखेंगे की आपका मूड एकदम से फ्रेश हो जाता है आप ऐसे में नये-नए लोगो से मिलेंगे, नया अनुभव महसूस करोगे | जिससे आपकी बोरियत दूर हो जाएगी और जीने का मजा दोगुना हो जाएगा |
ऐसा आपके खुद के करियर के साथ भी हो सकता है मान लो आपने सोच लिया की मैंने बहुत कुछ अचीव कर लिया है अब और करने की जरूरत नहीं है इससे आप एक लिमिट में आ जाओगे | लेकिन क्या पता आपके अंदर काफी पोटेंशियल हो और लोगो को भी ऐसा ही लगता हो |
ऐसे में अगर कोई आपसे कुछ काम करने को बोले तो उसे तुरंत मना मत करें, बल्कि उस पर सोच विचार करो | जो भी आपको insist कर रहा है उसे अपने हित में लाओ |
क्योकि सामाजिक दबाव में काफी ताकत होती है जो हमारे limitation को क्रॉस कर सकती है और हम सफलता के next level तक पहुच सकते हैं | और ऐसे ही पुश करने से हम सफलता की ऊँची चोटी तक पहुच सकते हैं |
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Lesson.2 – Simply Start [Year Of Yes Summary In Hindi]
Introvert लोगो की ये आदत होती है की वे हर चीज पर ज्यादा ही सोच-विचार करते हैं Shonda के साथ भी ऐसा ही था जब भी कोई नया काम करना होता था तो वे उस पर कई प्रश्न पूछने लगती थी उन्हें लगता था की प्रश्न पूछकर उसके सारे doubt क्लियर हो जाएँगे | इससे मेरा एक परफेक्ट प्लान बनेगा और मै कभी fail नहीं हो पाऊँगी |
लेकिन होता इसके बिलकुल विपरीत था उन्हें हर प्रश्न का सही जवाब नहीं मिलता था और उनके दिमाग में confusion पैदा हो जाती है की ये काम कैसे पूरा होगा | जिसके वजह से वे काफी सारे काम शुरू ही नहीं कर पाती थी |
इसीलिए लेखिका का कहना था की ज्यादा प्रश्न ना पूछकर उस काम के लिए तुरंत हाँ बोल दें और उसे करना शुरू कर दें |
कोई भी काम शुरू करना है तो तुरंत कर दें वर्ना ऐसे ही बैठे रहोगे तो कुछ नहीं होगा | इससे आपका दिमाग सिर्फ प्रॉब्लम में ही उलझा रहेगा | इससे बेहतर ये है की आप शुरुआत कर दें जैसे-जैसे प्रॉब्लम आएंगी वैसे ही उन्हें solve कर दें |
इसके अलावा कभी भी परफेक्ट टाइम या परफेक्ट मूड की उम्मीद मत करें, ये चीजे कभी एक साथ नहीं होती हैं जैसे कई स्टूडेंट सोचते हैं की जब अच्छा मूड होगा तभी पढेंगे | लेकिन सारा दिन मूड अच्छा ना हो तो क्या होगा |
इसीलिए परफेक्ट मूड का इन्तेजार करने से बेहतर आप अपने किताब का पहला पेज पढना शुरू कर दें | आप देखेंगे की आपके अंदर धीरे-धीरे मूड बनने लग गया है |
ये तकनीक आप उन सभी कामो में लगाओ जहां आप अपने काम को टालते हैं जिसे करने के आप सपने देखते हैं |
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Lesson.3 – How To Accept Compliments [Year Of Yes Audiobook Summary In Hindi]
अपने तीसरे lesson के माध्यम से लेखिका कहती हैं की हमे जो भी कॉम्प्लीमेंट मिलते हैं उन्हें एक्सेप्ट कर लेना चाहिए बहुत सारे लोग काफी humble होते हैं जो लोगो के कमेंट को इग्नोर कर देते हैं ऐसे में या तो वे शर्माते हैं या फिर उस टॉपिक को ही बदल देते हैं |
फिर उन्हें एहसास हुआ की ऐसा नहीं करना चाहिए इससे हम अपने अवचेतन मन को गलत मैसेज देते हैं आपको कॉम्प्लीमेंट को स्वीकार करना आना चाहिए आपको कॉम्प्लीमेंट देने वाले को धन्यवाद देना चाहिए |
इसके बाद आपको बताना चाहिए की आपने ये कैसे किया और आपको सच बात बतानी है ऐसा नहीं होना चाहिए की आप खुद की ही तारीफ कर रहे हैं बल्कि ऐसे बताये की उन्हें सुझाव दे रहे हो |
अगर आप कोई भी काम एक टीम या ग्रुप के साथ मिलकर करते हैं तो उन्हें भी क्रेडिट दें | इसके बाद आप कुछ काम में गर्व महसूस करें इससे आपका ब्रेन और अधिक सफलता पाने के लिए उत्सुक होगा | आपका दिमाग कभी नही थकेगा क्योकि कॉम्प्लीमेंट से मिली ख़ुशी दिमाग को तरोताजा बना देता है आपको मिलने वाली तारीफ आपका अधिकार है | उसे स्वीकार करें और विनम्र रहें और अपने लक्ष्य को पाने में जुट जाएँ |