हेलो दोस्तों क्या आपने अपना खुद का स्टार्टअप स्टार्ट करने के बारे में सोचा है? आपके दिमाग में स्टार्टअप के बारे में ऐसे ख्याल तो आते ही होंगे की मुझे भी खुद का एक स्टार्टअप शुरू कर देना चाहिए और ऐसा आजकल सभी के साथ होता है |
अब तो आये दिन हम स्टार्टअप की खबरे सुनते रहते हैं और हर साल कई स्टार्टअप यूनिकॉर्न बनते जा रहे हैं | जैसे भारत के सबसे फेमस स्टार्टअप- OYO, Ola, Uber, Zomato, Swiggy इत्यादि ऐसे स्टार्टअप हैं जिन्होंने अपने झंडे गाड़े हुए हैं और अभी हाल ही में एक एजुकेशनल स्टार्टअप Physics Wala जोकि इस साल 2022 में पहला यूनिकॉर्न बना है जिनके मालिक अब इतने बड़े कंपनी के फाउंडर बन चुके हैं |
तो आज हम इसी स्टार्टअप के सम्बन्धित बहुत महत्वपूर्ण किताब की बुक summary के बारे में बात करेंगे जिसका नाम Zero To One है और जिसे Peter Thiel ने लिखा है |
अब थोडा peter thiel के बारे में जान लेते हैं आपने paypal के बारे में जरुर सुना होगा | सभी ऑनलाइन बिज़नस की कम्युनिटी जानती हैं की paypal क्या है |
जब google pay, phone pay, paytm बने भी नहीं थे तब से paypal इस्तेमाल हो रहा है paypal के जरिये आप अपनी इंटरनेशनल पेमेंट की लेनदेन कर सकते हैं |
paypal को दो लोगो ने develop किया था एक peter thiel और दुसरे एलोन मस्क |
इसीलिए अब आपने जान लिया होगा की peter thiel कितनी बड़ी हस्ती हैं आज के समय जो भी स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं उन्हें इनकी किताब जरुर पढनी चाहिए |
तो चलिए इस किताब zero to one के महत्वपूर्ण बिन्दुओ को discuss करते हैं |
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Zero To One Book Summary In Hindi | Zero To One Audiobook Summary In Hindi
(Lesson-1). Zero To One (Zero To One Book In Hindi)
सबसे पहले point की बात करें तो वो है इस कताब का टाइटल- Zero to One | इसका आखिर मतलब क्या है zero यानि nothing |
यही बात लेखक कहना चाहते हैं की अगर आपको एक सक्सेसफुल स्टार्टअप शुरू करना है तो जीरो से शुरू करना होगा | मतलब ऐसे प्रोडक्ट से शुरू करो जो exist ही नहीं करता है और मार्किट में कम्पटीशन बिलकुल जीरो हैं |
लेकिन कई लोग गलती करते हैं की वे one से शुरू करते हैं लेखक का कहना है की one का मतलब है की उस प्रोडक्ट का मार्किट में exist होना |
मान लो आप कोल्डड्रिंक के क्षेत्र में अपना स्टार्टअप शुरू करना कहते हैं लेकिन मार्किट में कोकाकोला, पेप्सी, thumbs up जैसे कोल्डड्रिंक ब्रांड काफी सालो से स्थापित हैं ऐसे में अगर आप इसी तरह का कोल्डड्रिंक ब्रांड लाते हो तो इससे केवल कम्पटीशन ही बढेगा |
बड़े-बड़े कंपनी के पास इतना पैसा, नाम, शोहरत है की वे आपके इस नए बिज़नस को बर्बाद कर देगा और मार्किट में टिकने नहीं देगा ऐसे में आपका स्टार्टअप fail हो जाएगा |
यही मुख्य कारण है की 90% स्टार्टअप एक-दो सालो में fail हो जाते हैं | तो इन हालातो में क्या करें?
इसी वजह से लेखक ने कहा है की जीरो से शुरू करें ना की one से | उनका कहने का यही अर्थ है की ऐसा प्रोडक्ट लाओ जो एकदम नया हो और जो मार्किट में मिलता ही ना हो और जिसकी भविष्य में डिमांड काफी हो सकती हैं |
जब कोई प्रोडक्ट नया होगा तो कम्पटीशन भी नया होगा लोग उस प्रोडक्ट को खरीदने में अपनी रूचि रखेंगे जिससे आपको प्रॉफिट भी होगा |
इसी तरह से कई ऐसे स्टार्टअप हैं जिन्होंने ऐसे ही शुरुआत की थी उन्होंने भी एक कमरे से बिलकुल जीरो लेवल से शुरू किया था |
इसीलिए कभी भी दूसरो के आईडिया को देखकर उनकी तरह करने का कभी न सोचे |
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(Lesson-2). Monopoly बनाइए (Zero To One Summary In Hindi)
लेखक कहते हैं की आपको अपनी कंपनी की मार्किट में मोनोपोली बनाने की कोशिश करनी चाहिए | इससे काफी फायदा होता है | मोनोपोली का मतलब होता है की सारे मार्किट में सिर्फ आपका ही प्रोडक्ट हो |
लोग ये भी बोल सकते हैं की मोनोपोली ठीक नही है इससे कीमते बढती हैं लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है की उस प्रोडक्ट या बिज़नस का ओनर स्वार्थी है या फिर अच्छा इन्सान है |
एक ओनर प्रोडक्ट की कीमते ना बढ़ाकर भी मोनोपोली से काफी कमाई कर सकता है इससे लोग उन्हें गुडविल भी देंगे जिससे उस स्टार्टअप ही अच्छी ग्रोथ होगी |
जिसका सबसे बड़ा उदाहरण IRCTC है जोकि एक प्राइवेट कंपनी है जहाँ आप रेलवे टिकट बुक करते हैं और सिर्फ इसी कंपनी की वेबसाइट से ही करते हैं किसी दुसरे ऑनलाइन कंपनी की वेबसाइट से नहीं कर सकते हैं इसीलिए ये कंपनी हमेशा प्रॉफिट में रहती हैं क्योकि इसने मोनोपोली बनाकर रखी हैं |
(Lesson-3). Characteristics Of a Successful Startup (Zero To One Audiobook In Hindi)
इस किताब के इस भाग में लेखक बताना चाहते हैं की एक सक्सेसफुल स्टार्टअप की क्या खूबियाँ होनी चाहिए | उन्होंने ऐसी चार खूबियों के बारे में बताया है आपको भी अपने स्टार्टअप में इन फीचर को अप्लाई करना चाहिए | तो आइये एक-एक करके जानते हैं इन चारो के बारे में:
1.Proprietary
आपको अपने स्टार्टअप के सभी प्रोडक्ट में पूर्ण अधिकार होना चाहिए यही proprietary का सबसे महत्वपूर्ण मतलब है जिसके लिए आपको अपने प्रोडक्ट का ट्रेडमार्क या कॉपीराइट करवा लेना चाहिए | इससे कोई भी आपके प्रोडक्ट का कॉपी नहीं कर सकेगा |
जैसे आप बड़ी-बड़ी कंपनी के प्रोडक्ट को कॉपी नहीं कर सकते हैं इसके लिए आपको उन कंपनी से इसके राइट्स लेने होंगे |
इसीलिए कोई भी प्रोडक्ट बनाते हो तो सबसे पहले उसका पेटेंट करा लेना चाहिए अब ये आपके प्रोडक्ट पर निर्भर करता है की आपको पेटेंट मिलेगा या कॉपीराइट मिलेगा |
2.Network Effect
आपको ऐसे प्रोडक्ट पर काम करना है जिसका नेटवर्क बन सके| जैसे फेसबुक पहले सिर्फ अमेरिका में चलता था लेकिन धीरे-धीरे यूजर्स जुड़ते गये और फेसबुक आज पूरी दुनिया में फ़ैल गया |
आपको भी ऐसा प्रोडक्ट बनाना है जो पूरी दुनिया में फ़ैल सके |
3.Economy Of Scale
लेखक कहते हैं की स्टार्टअप ऐसा होना चाहिए जिसमे quality भी हो और बाद में उसे स्केल कर सके | इसके कई उदहारण दिए जा सकते हैं जैसे- आज के समय के सभी सक्सेसफुल स्टार्टअप जिन्होंने शुरुआत में सिर्फ quality पर काम किया |
शुरुआत में ये सभी स्टार्टअप छोटे स्केल पर शुरू हुए थे लेकिन आज पूरी दुनिया में फ़ैल चूका है
4.Branding
लेखक के अनुसार आपको अपने प्रोडक्ट की ब्रांडिंग शुरू कर देनी चाहिए जैसे आपने भी कई ब्रांड के बारे में सुना होगा |
कोई प्रोडक्ट ब्रांड तब बनता है जब उसकी quality नंबर one होती हैं quality बेस्ट करने के लिए इन्वेस्टमेंट भी काफी करनी पड़ती है और एफर्ट भी लगाने पड़ते हैं जिससे प्रोडक्ट की कीमत बढ़ जाती है लेकिन आपका प्रोडक्ट एक ब्रांड बन जाता है |
ऐसे प्रोडक्ट को इस्तेमाल करने से कस्टमर को अच्छा feel होता है ऐसे में वो पैसे खर्च करने से नहीं घबराता है जिसका सबसे बड़ा उदहारण एप्पल के प्रोडक्ट हैं एप्पल के कस्टमर एप्पल के प्रोडक्ट के साथ काफी लॉयल हैं आज के समय हर एक युवा एप्पल के प्रोडक्ट लेने के सपने देखता है |
इसीलिए प्रोडक्ट को ब्रांड बनाना बेहद जरुरी है तभी आपका स्टार्टअप सक्सेस होगा |
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(Lesson-4). How To Start The Company Or Startup (Zero To One Review In Hindi)
आगर आपको अपना खुद का बिज़नस, कंपनी या स्टार्टअप शुरू करना है और आपके पास यूनिक आईडिया है तो आपको जरुर शुरू कर देना चाहिए जिसके लिए लेखक ने 4 स्टेप बताये हैं जिन्हें हम संक्षिप्त में समझ लेते हैं :
1.Start with a friend
आपको अगर अपने दोस्त या पार्टनर के साथ एक स्टार्टअप शुरू करना है तो वो दोस्त like minded friend होना चाहिए जिसके साथ आपकी अच्छी bonding हो और आप दोनों की thinking और brain-frequency भी मैच होनी चाहिए |
मतलब आप दोनों एक जैसा सोचते हो और आपके आइडियाज भी मेल खाते हो | वरना पार्टनर के साथ आपके झगडे होते रहेंगे और स्टार्टअप चलने से पहले ही फ्लॉप हो जाएगा |
2.Clear role and responsibilities
आपके स्टार्टअप या कंपनी में जितने भी फाउंडर से लेकर, सभी employee तक सभी को आपका रोल और responsibility पता होनी चाहिए | इन चीजो के लिए आप पहले से ही अग्रीमेंट कर सकते हैं |
जैसे मैनेजमेंट कौन संभालेगा? फाइनेंस कौन देखेगा? मार्केटिंग कौन देखेगा? HR डिपार्टमेंट कौन हैंडल करेगा इत्यादि |
ऐसा करने से आपका बिज़नस smoothly चलेगा |
3.Hire full time employees
आपको अपने स्टार्टअप में employee hire तो करने ही पढेंगे क्योकि इनके बिना काम होगा ही नही | जिस तरह से लेखक का भी मानना है की फ्रीलांसर hire करने के बजाय आपको फुल टाइम एम्प्लायर hire करना चाहिए |
क्योकि ऐसे में एम्प्लायर कंपनी में मन लगाकर ध्यान से काम करेंगे उनके अपने काम की अच्छी समझ होगी| और आप अपने एम्प्लायर से हर समय कनेक्ट रहोगे | फ्रीलांसर पेमेंट लेते ही सब भूल जाते हैं और दुसरे काम में busy हो जाते हैं |
4.Pay less to founder
लेखक का मानना है की शुरुआत में जब आपका स्टार्टअप नया-नया होता है तो फाउंडर को ज्यादा सैलरी नहीं देनी चाहिए वैसे भी शुरुआत में ज्यादा मुनाफा होता नही है |
पहले ही ज्यादा सैलरी ले लोगे तो बाकी के खर्चे और इन्वेस्टमेंट के लिए पैसो की कमी हो जाएगी और इससे आपके स्टार्टअप की ग्रोथ रुक सकती हैं |
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(Lesson-5). Marketing (Zero To One Book Summary)
किताब के इस भाग में लेखक प्रोडक्ट की मार्केटिंग के बारे में बात कर रहे हैं इसमें मार्केटिंग का अर्थ प्रोडक्ट sell करने से हैं |
जहाँ आप चार तरह से प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकते हैं :
1.Complex marketing
मान लो आपका प्रोडक्ट बहुत बड़ा है या उसकी काफी डिमांड है जिसकी वजह से आपको काफी आर्डर आते हैं तो उसे काम्प्लेक्स डील की केटेगरी में रखा जाता है ऐसे में आपको बैठकर खुद ही negotiate करना चाहिए क्योकि अगर कोई इतना बड़ा आर्डर दे रही है तो ओनर से ही बात करना चाहेगी |
2.Personal marketing
इस तरह की मार्केटिंग को कोई person करने वाला होना चाहिए जैसे की एक सेल्समेन |
जिस तरह से आपने देखा होगा की insurance जैसे आर्गेनाईजेशन में सेल्समेन ही काम करते हैं|
3.Advertisement
एक कंपनी को अपने प्रोडक्ट का विज्ञापन तभी करना चाहिए जब उस प्रोडक्ट की कीमत बहत ज्यादा ना हो और दिन प्रतिदिन लाइफ में इस्तेमाल होता हो | जैसे कॉस्मेटिक, ग्रोसरी आदि |
4.Viral marketing
वायरल मार्केटिंग का अर्थ होता है एक प्रोडक्ट को एक कस्टमर से दुसरे कस्टमर तक जल्द से जल्द पहुचाना | ऐसा आपने ज्यादातर ऑनलाइन एप्लीकेशन में देखा होगा |
एप्लीकेशन बनाने वाली कंपनी ऑफर देती हैं की आपको इस एप्लीकेशन के लिंक को अपने दोस्तों को फॉरवर्ड करना है जिसके बदले आपको कैशबैक मिलेगा |
ऐसे में कंपनी वाले आपसे एप्लीकेशन डाउनलोड करवा लेती हैं और बाद में विज्ञापन के जरिये उस एप्लीकेशन से काफी पैसा कमा लेती हैं | जैसे आपने देखा होगा की paytm, phonepay या फिर कोई गेमिंग एप्लीकेशन में ये सब काफी ज्यादा देखने को मिलते हैं |
Final Word :
तो दोस्तों अगर आप भी कोई नया बिज़नस या स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो इस सदी की सबसे बेहतरीन बिज़नस के सम्बन्धित बेस्टसेलर किताब आपको एक बार जरुर पढनी चाहिए |